गुरुवार, 1 दिसंबर 2011

सफ़ल और असफ़ल में अंतर

सफ़ल और असफ़ल में अंतर : परमहंस योगानंद अपने शिष्यों के मध्य बैठे थे .ज्ञान की बातें चल रही थी . आध्यात्मिक प्रगति की बात चल रही थी .कुछ शिष्य अध्यात्मिक रूप से ज्यादा उन्नत थे कुछ तरक्की कर रहे थे.एक शिष्य ने परमहंस जी से पूछा: गुरूजी  मैं  आपके जितना आध्यात्मिक  प्रगति  नहीं कर सकता .गुरूजी का जबाब बड़ा साधारण सा था ......तुझमें ओउन मुझमें थोड़ा सा अंतर है..मैंने प्रयास किया और तुम्हें प्रयास करना है.
सफ़ल और असफ़ल में भी यही अंतर है.  सफल व्यक्ति ने प्रयास किया लेकिन असफ़ल को प्रयास करना बाकी है.

आपका ही संजय मिश्र