सोमवार, 21 नवंबर 2011

चित्रों के निहितार्थ

हमारे ऋषियों  ने बहुत सारी जानकरियां चित्रों  के माध्यम से बताई हैं .आईये निम्न चित्रों के निहितार्थ समझने का प्रयास करें :

विष्णुदेव सर्प के सय्या पर विराजमान है माता लक्ष्मी उनकी सेवा कर रही है. आज के भौतिक काल मैं लोग  लक्ष्मी को ही  सम्पूर्ण मान बैठे हैं . लेकिन हमारे ज्ञानिओं ने इसे नाकारा है और चित्र के माध्यम से बताने की चेष्टा की है कि स्वामी के स्थान सदा सोअर्वोपरी है.  स्वामी कि  महत्ता समझें और जीवन को सहज बनायें .

इसे भी समझें :

"Absorb thy mind in Me; become My devotee; resign all things to Me; bow down
to Me. Thou art dear to Me, so in truth do I promise thee: Thou shalt attain Me!
Forsaking all other dharmas (duties), remember Me alone!"
— The Bhagavad Gita, xviii:65


आपका ही\

संजय कुमार mishra

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